पुरुष आईपीएल की सफलता के बाद अब महिला प्रीमियर लीग चार मार्च से शुरू होगी, इस लीग में देश के कई ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो छोटे गांव कस्बों और शहरों से निकलकर इस मुकाम तक पहुंची हैं। गरीब परिवारों की ये लड़कियां डब्ल्यूपीएल में अपनी हिम्मत दिखाने को बेताब हैं। वाही उन्हीं में एक नाम, उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के एक मजदूर पिता की बेटी सोनम यादव भी शामिल है, जिनके पास कभी जूते खरीदने तक के पैसे नहीं थे। उनकी काबलियत को देखते हुए महिला प्रीमियर लीग में उनका चयन हुआ।
मुंबई ने उन्हें 10 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया था। ऑक्शन में मिलने वाली 10 लाख रुपए की रकम से उनके परिवार की जिंदगी बेहतर होने की उम्मीद है, क्योंकि सोनम को मिले पैसे उनके पिता की मासिक सैलेरी से 100 गुना अधिक हैं। जब बेटी का सिलेक्शन हुआ तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था, हालांकि सोनम यादव ने इसके लिए काफी संघर्ष किया था।
कई मुश्किलों के बावजूद सोनम ने कभी भी मेहनत करनी नहीं छोड़ी। पिछले सात सालों से क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रही, सोनम के कोच रवि यादव कहते हैं की सोनम रोजाना ग्राउंड आती थी। मौसम कोई भी हो, बारिश में भी वो ट्रेनिंग करने ग्राउंड आती थी। सोनम ने कभी भी मेहनत करनी नहीं छोड़ी।
WPL में खेलने को बेताब हैं सोनम
भारतीय दिग्गज ऑलराउंडर रवीन्द्र जडेजा की फैन सोनम यादव WPL में सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलने को लेकर काफी उत्सुक हैं। जिससे उन्हें काफी कुछ सीखने को भी मिलेगा। उनका सपना है कि वो एक दिन भारत की राष्ट्रीय सीनियर टीम में खेलें। सोनम जैसी लड़कियों की जिंदगी दूसरों के लिए किसी प्रेरणास्रोत से कम नहीं है।
सोनम कहती हैं “मेरे कई सपने हैं। मैं अपने परिवार को डिनर पर ले जाना चाहती हूं और पिता को एक बड़ी कार गिफ्ट देना चाहती हूं। मैं अपने परिवार को एक अच्छी जिंदगी देना चाहता हूं।”